अरुणाचल प्रदेश की ताल्ले घाटी में बीटल की नई प्रजाति 'क्लिनीडियम ललिताए' की खोज

द्वारा संपादित: Anulyazolotko Anulyazolotko

अरुणाचल प्रदेश में बीटल की नई प्रजाति की खोज

भारतीय प्राणी सर्वेक्षण (ZSI) के वैज्ञानिकों ने अरुणाचल प्रदेश के ताल्ले घाटी वन्यजीव अभयारण्य में बीटल की एक नई प्रजाति की पहचान की है, जिसका नाम 'क्लिनीडियम ललिताए' रखा गया है। ZSI के वैज्ञानिकों देवांशु गुप्ता और शांतनु कुइटी द्वारा किए गए एक जीव सर्वेक्षण के दौरान यह खोज की गई, जो इस क्षेत्र की समृद्ध जैव विविधता और इसके पारिस्थितिक तंत्र के संरक्षण के महत्व को उजागर करती है।

यह बीटल Rhysodinae उपपरिवार से संबंधित है और वन तल में निवास करती है। यह अपनी अनूठी आकृति विज्ञान द्वारा विशेषता है। अनुसंधान दल के अनुसार, 'क्लिनीडियम ललिताए' पोषक तत्वों के चक्रण और मिट्टी के स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण पारिस्थितिक भूमिका निभाता है।

प्रजाति का नाम स्वर्गीय डॉ. ललिता रे चौधरी के सम्मान में रखा गया है, जो एक सम्मानित कोलॉप्टेरोलॉजिस्ट और ZSI की पूर्व वैज्ञानिक थीं, जिन्होंने भारतीय कीट विज्ञान में अग्रणी योगदान दिया। निष्कर्ष अंतर्राष्ट्रीय पत्रिका 'ज़ूटाक्सा' में प्रकाशित हुए हैं। ZSI निदेशक डॉ. धृति बनर्जी ने भारत की कीट विविधता के संरक्षण में इस तरह के शोध के महत्व पर जोर दिया, और पूर्वोत्तर भारत को बिना प्रलेखित प्रजातियों का खजाना बताया।

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