हुर्रेम सुल्तान, जिन्हें रोक्सेलाना के नाम से भी जाना जाता है, ओटोमन इतिहास में एक आकर्षक व्यक्तित्व बनी हुई हैं। जबकि उनकी रुथेनियन जड़ें व्यापक रूप से स्वीकार की जाती हैं, वैकल्पिक सिद्धांत बने हुए हैं। हाल की चर्चाएँ और ऐतिहासिक विश्लेषण उनकी उत्पत्ति और प्रभाव के आसपास की जटिलताओं का पता लगाना जारी रखते हैं।
शोधकर्ता रिनाल्डो मारमारा का यह दावा कि वेटिकन पांडुलिपि से पता चलता है कि हुर्रेम सिएना के मार्सिगली परिवार की मार्गेरिटा नाम की एक इतालवी कुलीन महिला थीं, इतिहासकारों के बीच बहस का विषय बना हुआ है। मारमारा के अनुसार, मार्गेरिटा और उसके भाई को समुद्री डाकुओं ने पकड़ लिया था और ओटोमन दरबार में गुलामी के लिए बेच दिया गया था। उनका आरोप है कि पांडुलिपि से हुर्रेम के वंशज, सुल्तान मेहमेद चतुर्थ और पोप अलेक्जेंडर सप्तम के बीच संबंध का पता चलता है, जिससे उनकी रुथेनियन पहचान पर संदेह होता है। हालाँकि, कई इतिहासकार सहायक साक्ष्य की कमी का हवाला देते हुए संशयवादी बने हुए हैं।
चल रही बहसों के बावजूद, ओटोमन इतिहास में सबसे शक्तिशाली और प्रभावशाली महिलाओं में से एक के रूप में हुर्रेम सुल्तान की विरासत निर्विवाद है। उन्होंने इस्तांबुल और यरूशलेम में मस्जिदों, सामुदायिक रसोई और धर्मार्थ नींवों का निर्माण कराया। हुर्रेम सुल्तान की मृत्यु 15 अप्रैल, 1558 को इस्तांबुल में हुई और उन्हें सुलेमान मस्जिद में दफनाया गया।