उत्तरी ध्रुव का त्वरित बदलाव ग्रीनलैंड और अंटार्कटिक बर्फ के पिघलने से जुड़ा: अध्ययन से पृथ्वी के घूर्णन पर प्रभाव का पता चला
जियोफिजिकल रिसर्च लेटर्स में प्रकाशित एक हालिया अध्ययन से पता चलता है कि ग्रीनलैंड और अंटार्कटिका में बड़े पैमाने पर बर्फ पिघलने के कारण उत्तरी ध्रुव तेजी से बदल रहा है। ज्यूरिख के स्विस फेडरल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (ईटीएच ज्यूरिख) के वैज्ञानिकों द्वारा किए गए अध्ययन से संकेत मिलता है कि पिघलते ग्लेशियर ग्रह के द्रव्यमान को पुनर्वितरित कर रहे हैं, जिससे इसका घूर्णन संतुलन बदल रहा है।
यह बदलाव पृथ्वी के जड़त्व आघूर्ण को प्रभावित करता है, जिससे भौगोलिक ध्रुव की स्थिति धीरे-धीरे बदल रही है। वियना विश्वविद्यालय के शोधकर्ता मोस्तफा कियानी शाहवंडी ने जोर देकर कहा कि पृथ्वी की धुरी पर मानव प्रभाव अब प्राचीन हिमनदों के अवशिष्ट प्रभावों से अधिक है, जो मानव गतिविधि को एक प्राथमिक भूभौतिकीय एजेंट के रूप में स्थापित करता है।
अध्ययन भविष्य के अंतरिक्ष मिशनों और उन्नत नेविगेशन प्रौद्योगिकी विकास के लिए कक्षीय गणनाओं में इस चर को शामिल करने का सुझाव देता है। शोधकर्ताओं ने पिछले वैश्विक तापन अवधि के लिए ध्रुवीय प्रतिक्रियाओं को बेहतर ढंग से समझने के लिए पुरा जलवायु डेटा का उपयोग करके आगे की जांच करने का भी प्रस्ताव दिया है, जिससे वर्तमान ग्रहों की गतिशीलता पर मानवजनित प्रभाव को अधिक सटीक रूप से मापने में मदद मिलेगी।