अफ्रीका के सींग में एक महत्वपूर्ण भूवैज्ञानिक घटना चल रही है, जिसमें सोमालिया, जिबूती, इरिट्रिया और इथियोपिया शामिल हैं: एक नए महासागर का क्रमिक गठन। टेक्टोनिक रिफ्टिंग के रूप में जानी जाने वाली इस प्रक्रिया में पृथ्वी की परत का खिंचाव शामिल है, जिससे फ्रैक्चर और दरारें आती हैं। अफ़ार डिप्रेशन (अफ़ार त्रिकोण) एक प्रमुख क्षेत्र है जहाँ नुबियाई, सोमाली और अरब टेक्टोनिक प्लेटें मिलती हैं, जिससे भूवैज्ञानिक अस्थिरता और पृथ्वी की परत में क्रमिक उद्घाटन होता है। प्लेटों के अलग होने पर लाल सागर और अदन की खाड़ी का पानी इन दरारों में रिस रहा है, जिससे संभावित रूप से एक नए महासागर का निर्माण हो सकता है। वैज्ञानिकों का अनुमान है कि यह प्रक्रिया एक वर्ष में पूरी हो सकती है, जिससे अफ्रीका का नक्शा फिर से परिभाषित हो सकता है और पारिस्थितिक तंत्र और स्थानीय समुदायों पर प्रभाव पड़ सकता है। एक नए महासागर का निर्माण नए समुद्री मार्गों को खोलकर अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को भी प्रभावित कर सकता है।
अफ्रीका के सींग में बन रहा है नया महासागर: टेक्टोनिक दरार महाद्वीप को विभाजित कर सकती है
Edited by: Anna 🎨 Krasko
क्या आपने कोई गलती या अशुद्धि पाई?
हम जल्द ही आपकी टिप्पणियों पर विचार करेंगे।