तेल अवीव विश्वविद्यालय के एक अभूतपूर्व अध्ययन से पता चलता है कि पौधे ध्वनि के माध्यम से कीड़ों के साथ संवाद करते हैं, जो कृषि और पारिस्थितिकी में तकनीकी नवाचारों के लिए नए रास्ते खोलता है। यह खोज पौधों की निगरानी और सुरक्षा के लिए नई तकनीकों को जन्म दे सकती है। अध्ययन में पाया गया कि जब पौधे तनावग्रस्त होते हैं, तो वे ध्वनियाँ उत्सर्जित करते हैं, जिन्हें कीड़े सुन सकते हैं। यह जानकारी फसलों की सुरक्षा के लिए नई तकनीकों को विकसित करने में मदद कर सकती है। भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) के अनुसार, पौधों द्वारा उत्सर्जित ध्वनियों का विश्लेषण करके, किसान कीटों के हमलों का पता लगा सकते हैं और समय पर कार्रवाई कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त, केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, इंफाल के शोधकर्ताओं ने पाया है कि पौधों की ध्वनियों का उपयोग करके, हम पौधों की स्वास्थ्य स्थिति का आकलन कर सकते हैं और उन्हें आवश्यक पोषक तत्व प्रदान कर सकते हैं। यह तकनीक किसानों को फसल उत्पादन को अनुकूलित करने और रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के उपयोग को कम करने में मदद कर सकती है। भविष्य में, हम पौधों के साथ सीधे संवाद करने और उनकी आवश्यकताओं को समझने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और मशीन लर्निंग (ML) जैसी तकनीकों का उपयोग कर सकते हैं। यह कृषि में एक क्रांति ला सकता है, जिससे फसल उत्पादन अधिक कुशल और टिकाऊ हो सकता है। पौधों और कीड़ों के बीच संचार की खोज न केवल एक वैज्ञानिक सफलता है, बल्कि यह कृषि में तकनीकी नवाचारों के लिए एक नया द्वार भी खोलती है।
पौधों और कीड़ों का संचार: एक तकनीकी संदर्भ में नई खोज
द्वारा संपादित: Olga Samsonova
स्रोतों
newsbomb.gr
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