27 जून, 2025 को, सकारात्मक वैश्विक कारकों और व्यापार तनाव में कमी के कारण, भारतीय शेयर सूचकांकों में लगातार चौथे सत्र में वृद्धि हुई। सेंसेक्स 84,058 अंक पर बंद हुआ, जो 303 अंक की वृद्धि दर्शाता है, जबकि निफ्टी 25,637 अंक पर बंद हुआ, जो 89 अंकों की वृद्धि है। (स्रोत: 27 जून, 2025)
इस सकारात्मक रुझान को अमेरिकी पारस्परिक टैरिफ समय सीमा के संभावित विस्तार और इज़राइल-ईरान संघर्ष में कमी से समर्थन मिला। व्हाइट हाउस ने संभावित विस्तार का संकेत दिया, राष्ट्रपति ट्रम्प ने भारत के साथ एक "महान सौदा" का उल्लेख किया। भारतीय वार्ता टीम वर्तमान में अमेरिका में द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर काम कर रही है।
घरेलू कारकों, जिसमें भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की सक्रियता और अनुकूल मानसून की स्थिति शामिल है, ने भी भूमिका निभाई। निफ्टी मेटल और आईटी जैसे क्षेत्रीय सूचकांकों में वृद्धि देखी गई, जबकि रियल्टी और एफएमसीजी में गिरावट आई। सेंसेक्स और निफ्टी 2024 में लगभग 9-10 प्रतिशत बढ़े हैं। (स्रोत: 27 जून, 2025)
जिओजित फाइनेंशियल सर्विसेज के विनोद नायर ने कहा कि मध्य पूर्व में संघर्ष विराम और व्यापार तनाव में कमी ने निवेशकों का विश्वास बढ़ाया है। विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) शुद्ध खरीदार बन गए हैं, जिससे बाजार में स्थिरता में सुधार हुआ है। निवेशक घरेलू विकास विषयों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, जो कमाई में तेजी की उम्मीदों से समर्थित हैं। (स्रोत: 27 जून, 2025)
बाजार का प्रदर्शन वैश्विक आशावाद, व्यापार तनाव में कमी और मजबूत घरेलू आर्थिक संकेतकों का एक संयोजन दर्शाता है। निवेशक अमेरिका-भारत व्यापार वार्ताओं और भू-राजनीतिक घटनाओं पर बारीकी से नजर रख रहे हैं। सेंसेक्स अपने सर्वकालिक उच्च स्तर के करीब पहुंच रहा है। (स्रोत: 27 जून, 2025)