मेटा के सीईओ मार्क ज़करबर्ग ने भविष्यवाणी की है कि 2030 के दशक तक स्मार्टफोन की जगह स्मार्ट ग्लास ले लेंगे। उनका मानना है कि स्मार्ट ग्लास प्राथमिक कंप्यूटिंग प्लेटफॉर्म बन जाएंगे, जो अधिक इमर्सिव और सामाजिक रूप से एकीकृत अनुभव प्रदान करेंगे।
ज़करबर्ग एक ऐसे भविष्य की कल्पना करते हैं जहाँ लोग रोजमर्रा के कार्यों के लिए स्मार्ट ग्लास पर निर्भर रहते हैं, और अपने स्मार्टफोन को ज़्यादातर अपनी जेब में रखते हैं। यह बदलाव ऑगमेंटेड रियलिटी (AR) और पहनने योग्य तकनीक में प्रगति से प्रेरित है, जिसमें मेटा और ऐप्पल जैसी कंपनियां स्मार्ट ग्लास विकसित करने में भारी निवेश कर रही हैं।
जबकि स्मार्टफोन अभी भी विशिष्ट उद्देश्यों की पूर्ति करेंगे, स्मार्ट ग्लास की सुविधा और हैंड्स-फ़्री कार्यक्षमता से उम्मीद है कि वे नियमित गतिविधियों के लिए पसंदीदा विकल्प बन जाएंगे। ज़करबर्ग स्मार्ट ग्लास को “फ़ोन के बाद अगला प्रमुख प्लेटफ़ॉर्म” के रूप में देखते हैं, जो पारंपरिक स्क्रीन के व्याकुलता के बिना दैनिक जीवन में निर्बाध एकीकरण प्रदान करते हैं।