ब्रिटेन में मुद्रास्फीति: भारतीय अर्थव्यवस्था पर आर्थिक प्रभाव

द्वारा संपादित: Elena Weismann

ब्रिटेन में बढ़ती मुद्रास्फीति का भारतीय अर्थव्यवस्था पर महत्वपूर्ण आर्थिक प्रभाव पड़ रहा है। जून 2025 में, ब्रिटेन में उपभोक्ता मूल्य मुद्रास्फीति अप्रत्याशित रूप से बढ़कर 3.6% हो गई, जो जनवरी 2024 के बाद सबसे अधिक है । राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (ONS) द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, यह वृद्धि मुख्य रूप से परिवहन और खाद्य कीमतों में वृद्धि के कारण हुई है । ब्रिटेन और भारत के बीच व्यापारिक संबंध ऐतिहासिक रूप से मजबूत रहे हैं। 2024 तक, भारत ब्रिटेन का 11वां सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार था, जो ब्रिटेन के वैश्विक व्यापार का लगभग 2.4% था । ऐसे में, ब्रिटेन में मुद्रास्फीति का बढ़ना भारत के निर्यात और आयात को प्रभावित कर सकता है। उदाहरण के लिए, यदि ब्रिटेन में वस्तुओं और सेवाओं की कीमतें बढ़ती हैं, तो भारतीय उपभोक्ताओं के लिए ब्रिटिश उत्पादों को खरीदना महंगा हो सकता है, जिससे भारत से ब्रिटेन को होने वाले निर्यात में कमी आ सकती है। इसके विपरीत, यदि भारतीय रुपये का मूल्य ब्रिटिश पाउंड के मुकाबले बढ़ता है, तो भारतीय उत्पादों को ब्रिटेन में खरीदना सस्ता हो सकता है, जिससे भारत से ब्रिटेन को होने वाले निर्यात में वृद्धि हो सकती है। हालांकि, मुद्रास्फीति के कारण ब्रिटेन में आर्थिक मंदी की आशंका भी है, जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है । भारत का औद्योगिक क्षेत्र 1990-2025 के बीच तेजी से बढ़ा है, जबकि ब्रिटेन का औद्योगिक आधार धीरे-धीरे बढ़ा है । भारत का विनिर्माण उत्पादन (मूल्य वर्धित) 1990 में लगभग 40-50 बिलियन डॉलर से बढ़कर 2023 में 455 बिलियन डॉलर हो गया। ऐसे में, ब्रिटेन में मुद्रास्फीति का बढ़ना भारत के विनिर्माण क्षेत्र को भी प्रभावित कर सकता है। कुल मिलाकर, ब्रिटेन में मुद्रास्फीति का भारतीय अर्थव्यवस्था पर कई तरह से प्रभाव पड़ सकता है। यह व्यापार, निवेश और आर्थिक विकास को प्रभावित कर सकता है। इसलिए, भारत सरकार को ब्रिटेन में मुद्रास्फीति की स्थिति पर बारीकी से नजर रखनी चाहिए और इसके संभावित प्रभावों को कम करने के लिए आवश्यक कदम उठाने चाहिए।

स्रोतों

  • RTTNews

  • Bank of England's Mann says inflation is still a challenge

  • Sterling sags as Trump tariff threats dent confidence

  • FTSE 100 hovers near record highs as investors monitor tariffs, rate path

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