सहरा रेगिस्तान में 2023 में खोजा गया एक दुर्लभ 24.5 किलोग्राम का मंगल ग्रह का उल्कापिंड, एनडब्ल्यूए 16788, नीलामी के लिए जा रहा है। लाल रंग और कांच जैसी पिघली हुई परत वाला यह अनोखा पत्थर, करोड़ों रुपये में बिकने की उम्मीद है।
16 जुलाई, 2025 को होने वाली नीलामी, इसे अब तक का सबसे मूल्यवान उल्कापिंड बना सकती है। लगभग 77,000 मान्यता प्राप्त उल्कापिंडों में से, केवल लगभग 400 की ही मंगल ग्रह से होने की पुष्टि हुई है। यह एक दुर्लभ खोज है, जैसे कि भारत में सदियों पुराने मंदिर की खोज!
वर्तमान रिकॉर्ड धारक फुकंग उल्कापिंड है, जो ओलिविन क्रिस्टल वाला एक पल्लासाइट है, जिसका मूल्य 2008 में लगभग 2 मिलियन डॉलर था। एनडब्ल्यूए 16788 की संभावित कीमत मंगल ग्रह के उल्कापिंडों की दुर्लभता और वैज्ञानिक महत्व को उजागर करती है। यह खोज हमें हमारे प्राचीन ग्रंथों में वर्णित ब्रह्मांडीय ज्ञान की याद दिलाती है।