जयपुर में पर्यटन: नवाचार और विरासत का संगम

द्वारा संपादित: Irina Davgaleva

जयपुर, राजस्थान की राजधानी, अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और जीवंत पर्यटन गतिविधियों के लिए प्रसिद्ध है। हाल के वर्षों में, शहर ने पर्यटन क्षेत्र में नवाचार और विकास की दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।

जयपुर के ऐतिहासिक स्थलों की संरक्षण और विकास के लिए ₹100 करोड़ की योजना बनाई गई है। इस पहल का उद्देश्य शहर की वास्तुकला और सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करना है, जिससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और स्थानीय अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ किया जा सकेगा।

शिल्पग्राम, जो पहले एक सांस्कृतिक केंद्र के रूप में जाना जाता था, अब एक स्थायी सांस्कृतिक हब के रूप में विकसित किया जा रहा है। इस परियोजना के तहत स्थानीय कलाकारों को नियमित रूप से प्रदर्शन, प्रदर्शनी और बिक्री के अवसर प्रदान किए जाएंगे, जिससे पारंपरिक कला रूपों को बढ़ावा मिलेगा और स्थानीय समुदायों को सशक्त किया जाएगा।

जयपुर के किले और महलों में भी कई विकासात्मक परिवर्तन हो रहे हैं। उदाहरण के लिए, कुम्भलगढ़ किला अब पर्वतीय साइकिलिंग ट्रेल्स और मिट्टी के बर्तन बनाने की कार्यशालाओं की मेज़बानी कर रहा है, जो पर्यटकों को ऐतिहासिक स्थल की खोज के साथ-साथ स्थानीय शिल्प में भाग लेने का अवसर प्रदान करता है।

इन पहलों के माध्यम से, जयपुर पर्यटन के क्षेत्र में नवाचार और विरासत का संगम प्रस्तुत कर रहा है, जो पर्यटकों को समृद्ध अनुभव प्रदान करने के साथ-साथ स्थानीय समुदायों की भलाई में भी योगदान कर रहा है।

स्रोतों

  • Social News XYZ

  • This Indian city just outranked Italy's Florence in tourist favourites of 2025

  • Travel + Leisure Announces 2025 World's Best Awards, Showcasing the Top Travel Destinations, Hotels, Airlines, and More

क्या आपने कोई गलती या अशुद्धि पाई?

हम जल्द ही आपकी टिप्पणियों पर विचार करेंगे।