मई 2025 में 'कॉग्निटिव साइंसेज में रुझान' पत्रिका में प्रकाशित एक हालिया अध्ययन से पता चला है कि बच्चे भाषा सीखने में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से बेहतर प्रदर्शन करते हैं। यह अध्ययन मैक्स प्लैंक इंस्टीट्यूट फॉर साइकोलिंग्विस्टिक्स की प्रोफेसर कैरोलिन रोलैंड द्वारा किया गया था।
अध्ययन इस बात पर प्रकाश डालता है कि बच्चे कैसे एक सक्रिय और विकसित प्रक्रिया के माध्यम से भाषा सीखते हैं, जो उनकी बढ़ती सामाजिक, संज्ञानात्मक और मोटर क्षमताओं से संचालित होती है। मशीनों के विपरीत, जो मुख्य रूप से लिखित ग्रंथों से निष्क्रिय रूप से सीखते हैं, बच्चे दुनिया को समझने और अपनी भाषा कौशल विकसित करने के लिए अपनी सभी इंद्रियों का उपयोग करते हैं।
यह मूर्त और संवादात्मक दृष्टिकोण उन्हें भाषा को अधिक प्रभावी ढंग से सीखने की अनुमति देता है। ये अंतर्दृष्टि न केवल बच्चों के विकास की हमारी समझ को नया आकार देती हैं, बल्कि AI अनुसंधान और मानव भाषा के विकास के लिए भी निहितार्थ रखती हैं। AI शोधकर्ता बच्चों से बहुत कुछ सीख सकते हैं, जिससे पता चलता है कि मशीन भाषा सीखने में सुधार करने के लिए, हमें उन्हें शुरू से ही डिजाइन करने के तरीके पर पुनर्विचार करने की आवश्यकता हो सकती है।