एआईसीटीई के अध्यक्ष टी.जी. सीताराम ने बन्नारी अम्मन प्रौद्योगिकी संस्थान के दीक्षांत समारोह में तकनीकी व्यवधान के सामने निरंतर सीखने और कौशल विकास को महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि वर्तमान परिवेश में कौशल और समस्या-समाधान की क्षमता डिग्री से अधिक मूल्यवान है। सीताराम ने तिरुवल्लुवर का हवाला देते हुए ज्ञान को व्यावहारिक रूप से लागू करने के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने एआई की परिवर्तनकारी भूमिका पर प्रकाश डाला, जिसके लिए प्रासंगिक बने रहने के लिए निरंतर कौशल उन्नयन की आवश्यकता है। तमिलनाडु कृषि विश्वविद्यालय की कुलपति वी. गीतालक्ष्मी ने इंजीनियरिंग और नवाचार के महत्व पर प्रकाश डाला। भारत में 6,000 इंजीनियरिंग कॉलेज होने और प्रतिवर्ष 15 लाख स्नातक निकलने के बावजूद, केवल 45% ही उद्योग के लिए तैयार हैं। उन्होंने छात्रों से कृषि पर ध्यान केंद्रित करने का आग्रह किया, इस क्षेत्र के लिए टिकाऊ समाधान विकसित किए, जो 55% आबादी का समर्थन करता है लेकिन जीडीपी में केवल 18% का योगदान देता है। कोयंबटूर जिला लघु उद्योग संघ के एम. कार्तिकेयन ने स्नातकों को अपनी प्रवृत्ति पर भरोसा करने और एआई से डरने की नहीं, बल्कि एआई मानव क्षमताओं को बदलने के बजाय मदद करेगा। समारोह में 1,465 छात्रों को डिग्री प्रदान की गई।
एआईसीटीई अध्यक्ष: प्रौद्योगिकी संचालित दुनिया में निरंतर सीखना महत्वपूर्ण
Edited by: Olga N
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