डिजिटल युग में किशोरों का मस्तिष्क: यूएनसी अनुसंधान और 2025 में स्वस्थ तकनीक उपयोग के लिए रणनीतियाँ
यूएनसी के विंस्टन सेंटर फॉर टेक्नोलॉजी एंड डेवलपिंग माइंड्स के शोधकर्ता 2025 में किशोरों के मस्तिष्क पर प्रौद्योगिकी के जुनून के तंत्रिका संबंधी प्रभावों की सक्रिय रूप से जांच कर रहे हैं। मनोविज्ञान की प्रोफेसर ईवा टेल्ज़र मानसिक स्वास्थ्य पर प्रौद्योगिकी के प्रभाव पर सेमिनार का नेतृत्व कर रही हैं, जिसमें किशोर मस्तिष्क की डिजिटल वातावरण के प्रति संवेदनशीलता और सोशल मीडिया के उपयोग से जुड़ी मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं में वृद्धि पर जोर दिया गया है।
अध्ययनों से संकेत मिलता है कि अत्यधिक स्क्रीन टाइम नकारात्मक भावनाओं और घटती ध्यान अवधि से जुड़ा है। विशेषज्ञ इंटरनेट उपयोग को ट्रैक करने, सूचनाओं को अक्षम करने और स्क्रीन टाइम सीमा निर्धारित करने जैसी रणनीतियों की सलाह देते हैं ताकि किशोरों को व्यसनी ऐप्स से दूर रहने में मदद मिल सके। मस्तिष्क स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए स्क्रीन-मुक्त गतिविधियों को प्राथमिकता देना और वास्तविक दुनिया से फिर से जुड़ना आवश्यक है।
यूएनसी अनुसंधान डिजिटल प्रभाव के कारण किशोर मस्तिष्क में हो रहे बदलाव को उजागर करता है। डिजिटल परिदृश्य को सुरक्षित रूप से नेविगेट करने और किशोरों में स्वस्थ मस्तिष्क विकास को बढ़ावा देने के लिए वास्तविक दुनिया के साथ प्रौद्योगिकी के उपयोग को संतुलित करने के तरीके खोजना महत्वपूर्ण है। सेंटर फॉर ब्रेनहेल्थ 24 फरवरी से 1 मार्च, 2025 तक ब्रेनहेल्थ वीक भी आयोजित कर रहा है, जिसमें मस्तिष्क की मजबूत होने की क्षमता का जश्न मनाने के लिए कार्यक्रम और गतिविधियाँ होंगी।