भारत में मोटापा एक गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या बन गई है, जो शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ मानसिक और सामाजिक कल्याण को भी प्रभावित करती है।
मोटापे से प्रभावित व्यक्तियों में शारीरिक गतिविधियों में कठिनाई, शरीर की छवि से असंतोष, और सामाजिक कलंक जैसी समस्याएं आम हैं।
मोटापे और मानसिक स्वास्थ्य के बीच एक जटिल संबंध है, जिसमें मोटापा अवसाद और चिंता को बढ़ा सकता है, और मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं मोटापे के जोखिम को भी बढ़ा सकती हैं।
भारत में मोटापे की समस्या को हल करने के लिए एक समग्र दृष्टिकोण की आवश्यकता है, जिसमें शारीरिक, मानसिक और सामाजिक कारकों को ध्यान में रखा जाए।
स्वस्थ आहार, नियमित शारीरिक गतिविधि, और मानसिक स्वास्थ्य समर्थन को बढ़ावा देना आवश्यक है, ताकि मोटापे से संबंधित समस्याओं को प्रभावी ढंग से संबोधित किया जा सके।