नासा ने 18 जुलाई, 2025 को न्यू मैक्सिको के व्हाइट सैंड्स मिसाइल रेंज से एक विशेष साउंडिंग रॉकेट मिशन, सोलर इरप्शन इंटीग्रल फील्ड स्पेक्ट्रोग्राफ (एसएनआईएफएस), लॉन्च किया। यह मिशन सूर्य के क्रोमोस्फीयर और ट्रांजिशन क्षेत्र का अध्ययन करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जो सूर्य के वातावरण का एक जटिल और गतिशील हिस्सा है।
क्रोमोस्फीयर सूर्य की सतह (फोटोस्फीयर) और बाहरी वातावरण (कोरोना) के बीच स्थित परत है। इस परत में सौर ज्वालाएं, प्लाज्मा जेट्स और अन्य सौर गतिविधियां उत्पन्न होती हैं, जो अंतरिक्ष मौसम को प्रभावित करती हैं। एसएनआईएफएस मिशन का उद्देश्य इन प्रक्रियाओं को समझना है, ताकि सौर गतिविधियों के पृथ्वी पर प्रभावों की बेहतर भविष्यवाणी की जा सके।
एसएनआईएफएस मिशन एक उन्नत तकनीक है जो इमेजर और स्पेक्ट्रोग्राफ का संयोजन करती है। यह हाइड्रोजन लाइमन-अल्फा (1216 Å), सिलिकॉन III (1206 Å) और ऑक्सीजन V (1218 Å) जैसे विशिष्ट तरंगदैर्ध्य पर ध्यान केंद्रित करेगी, जो क्रोमोस्फीयर की संरचना और गतिशीलता का अध्ययन करने में मदद करेगी।
मिशन की कुल अवधि लगभग 15 मिनट थी, जिसमें से 7-8 मिनट सूर्य के क्रोमोस्फीयर पर डेटा संग्रहण के लिए समर्पित थे। यह मिशन न केवल सूर्य के अध्ययन में महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि अंतरिक्ष अन्वेषण और प्रौद्योगिकी विकास में भी योगदान देगा।