हाल के शोध में यह पाया गया है कि अधिकांश लोग गाँठों की ताकत का सही आकलन करने में असमर्थ हैं।
इस अध्ययन में प्रतिभागियों को विभिन्न गाँठों की तस्वीरें और वीडियो दिखाए गए, लेकिन वे यह पहचानने में विफल रहे कि कौन सी गाँठ मजबूत है।
यह निष्कर्ष दर्शाता है कि हमारे मस्तिष्क में लचीली वस्तुओं की संरचनात्मक अखंडता को समझने की स्वाभाविक क्षमता नहीं हो सकती है।
यह खोज पर्वतारोहण, बचाव अभियानों और रोजमर्रा की वस्तुओं जैसे जूते के फीते जैसे क्षेत्रों में नवाचार के अवसर प्रस्तुत करती है।
शोधकर्ताओं का मानना है कि इस अंतर को समझकर हम नई तकनीकों और उत्पादों को विकसित कर सकते हैं जो हमारे जीवन को आसान और सुरक्षित बनाते हैं।
यह अध्ययन ओपन माइंड जर्नल में प्रकाशित हुआ था।